लिखिए अपनी भाषा में

Tuesday, 30 July 2013

एक कोड से तेज बनाइये अपना ब्लॉग


अगर आपका ब्लॉग थोड़ी देर से खुलता है या आप चाहते हैं कि धीमें इंटरनेट कनेक्शन में भी आपका ब्लॉग तेजी से खुले और आपके पाठक ज्यादा इंतज़ार ना करें तो एक HTML कोड के जरिये आप अपने ब्लॉग को तेज बना सकते हैं ।

ये कोड हैं PHP Flush Function, इसे अपने ब्लॉग के HTML कोड में जोड़ देने पर ये आपके ब्लॉग के आंशिक रूप से तैयार कोड्स को भी ब्राउजर के लिए तैयार कर देता हैं ।

इसे अपने ब्लॉग में लगाने के लिए आपको अपने ब्लॉग के HTML कोड में थोडा बदलाव करना होगा इसलिए ये प्रक्रिया बड़ी ही सावधानी के साथ करें ।

अपने ब्लॉगर अकाउंट में लोगिन करें dashboard से Design > Edit HTML पर जाएँ

ये जरुरी है कि आप अपने वर्तमान ब्लॉग को सुरक्षित कर लें ताकि अगर आपको भविष्य में कोई कठिनाई हो तो आपका ब्लॉग टेम्पलेट सुरक्षित रहे , ब्लॉग का बैक अप् लेने के लिए dashboard से Design > Edit HTML पर जाएँ"download full theme" पर क्लिक करें और ब्लॉग के टेम्पलेट को अपने कंप्यूटर पर सेव कर लें ।

अब Expand Widget Templates विकल्प पर क्लिक करें

Edit HTML पर </head> कोड ढूंढें इसके लिए आप Ctrl+F Key का भी प्रयोग कर सकते हैं ।

अब इसके ठीक नीचे

<?php flush(); ?>

ये कोड पेस्ट कर दें ।

अब आपका कोड कुछ इस तरह दिखाई देगा

</head>
<?php flush(); ?>
<body>

अब Preview पर क्लिक कर देख लें की सब ठीक है फिर सेटिंग को सेव कर दें ।

अब आपका ब्लॉग थोडा तेज हो जायेगा ।

अगर आप जानना चाहें कि कोड लगाने से पहले और बाद में वेबपेज लोड होने के समय में कितना फर्क आया है तो कोड लगाने से पहले
इस वेबसाइट
पर जाकर पहले अपने ब्लॉग का पता टाइप या पेस्ट कीजिये और Check बटन पर क्लिक कर देख लीजिये कि आपके वेबपेज के लोड होने का समय कितना है फिर कोड लगाने के बाद ये प्रक्रिया दोहराइए और फर्क देख लीजिये ।

.... एक प्रेम कहानी ......


हिन्दू लड़की राधा एक मुस्लिम लड़के से प्रेम करती हैं ,, माँ बापने बहुत समझाया की बेटी निबाह नहीं पायेगी ,,पर राधा ने कहा कि"क्या फर्क है हिन्दू मुसलमान में" उसके खून का रंग भी लाल मेरे खून का रंग भी लाल .... घर वालों व् समाज के प्रबल विरोध के बाद भी मुस्लिम लड़के से प्रेम विवाह रचाती है ,,,शादी के बाद सब कुछ बहुतअच्छा चल रहा था
हिन्दू लड़की का नाम भी बदला नहींगया
सास ससुर बहुत अच्छे निकले ..बहुत प्यार करते थे ...ससुराल में सबकी लाड़ली ..... लड़कीके माँ बाप उससे संबंध तोड़ चुके थे ...जब तब राधा अपने माँ बाप को याद करती और खबर भिजवाती थी कि मुस्लिम परिवार में मैं बहुत खुश हूँ कोई दिक्कत नहीं है
फिर राधा के दो बच्चे हुए एक बेटा एक बेटी ...दो प्यारे बच्चों की परवरिश अच्छे से हुई
बेटी बड़ी हुई शादी के लिए लड़का देखने की बात हुई
तो पति और सास ससुर की बात सुन कर सन्न रह गयी
पति और सास ससुर का निर्णय था कि बिटिया की शादी उसकी बुआ के बेटे से तय की जाएगी.....
राधा ने विरोध किया कि बुआ का लड़का भाई होता है ,,पर दो टूक कहा गया वो हिन्दुओं में है मुस्लिम में नहीं
राधा ने बेटी को कहा की बेटी तू विरोध कर इस बात का ,,,तो बेटी बोली माँ फूफी के लड़के जावेद से मैं प्यार करती हूँ
राधा ने एक तमाचा मारा अपनी बेटी के मुंहपर और बोली,,,,नालायक वो तेरा भाई है तेरी बुआ का बेटा है,,,,बिटिया बोली वो आपके हिन्दू धर्म में होता है और मैं मुस्लिम हूँ
अब राधा के पैरों के नीचे की ज़मीन निकल चुकी थी ,,,बाप की बात याद आई बेटा निबाह नहीं पायेगी .....
उसी रात में राधा ने आत्म ह्त्या कर ली
क्यूंकि नमाज पढ़ना कबूल था,,बुर्का कबूल था ,,ईद .. रमजान कबूल था
पर अपनी बेटी की शादी उसकी बुआ के लड़के से कबूल नहीं कर पायी
बाप की बात आखिरी पल में भी याद आ रही थी कि बेटी खून का रंग सबका एकहोता है पर सोच अलग होती है तू निबाह नहीं पायेगी.........

Saturday, 27 July 2013

बुरी लत्त

एक बार की बात है . एक व्यक्ति को रोज़-रोज़ जुआ खेलने की बुरी आदत पड़ गयी थी . उसकी इस आदत से सभी बड़े परेशान रहते. लोग उसे समझाने कि भी बहुत कोशिश करते कि वो ये गन्दी आदत छोड़ दे , लेकिन वो हर किसी को एक ही जवाब देता, " मैंने ये आदत नहीं पकड़ी, इस आदत ने मुझे पकड़ रखा है !!!"

और सचमुच वो इस आदत को छोड़ना चाहता था , पर हज़ार कोशिशों के बावजूद वो ऐसा नहीं कर पा रहा था.

परिवार वालों ने सोचा कि शायद शादी करवा देने से वो ये आदत छोड़ दे , सो उसकी शादी करा दी गयी. पर कुछ दिनों तक सब ठीक चला और फिर से वह जुआ खेलने जाना लगा. उसकी पत्नी भी अब काफी चिंतित रहने लगी , और उसने निश्चय किया कि वह किसी न किसी तरह अपने पति की इस आदत को छुड़वा कर ही दम लेगी.

एक दिन पत्नी को किसी सिद्ध साधु-महात्मा के बारे में पता चला, और वो अपने पति को लेकर उनके आश्रम पहुंची. साधु ने कहा, " बताओ पुत्री तुम्हारी क्या समस्या है ?"

पत्नी ने दुखपूर्वक सारी बातें साधु-महाराज को बता दी .

साधु-महाराज उनकी बातें सुनकर समस्या कि जड़ समझ चुके थे, और समाधान देने के लिए उन्होंने पति-पत्नी को अगले दिन आने के लिए कहा .

अगले दिन वे आश्रम पहुंचे तो उन्होंने देखा कि साधु-महाराज एक पेड़ को पकड़ के खड़े है .

उन्होंने साधु से पूछा कि आप ये क्या कर रहे हैं ; और पेड़ को इस तरह क्यों पकडे हुए हैं ?

साधु ने कहा , " आप लोग जाइये और कल आइयेगा ."

फिर तीसरे दिन भी पति-पत्नी पहुंचे तो देखा कि फिर से साधु पेड़ पकड़ के खड़े हैं .

उन्होंने जिज्ञासा वश पूछा , " महाराज आप ये क्या कर रहे हैं ?"

साधु बोले, " पेड़ मुझे छोड़ नहीं रहा है .आप लोग कल आना ."

पति-पत्नी को साधु जी का व्यवहार कुछ विचित्र लगा , पर वे बिना कुछ कहे वापस लौट गए.

अगले दिन जब वे फिर आये तो देखा कि साधु महाराज अभी भी उसी पेड़ को पकडे खड़े है.

पति परेशान होते हुए बोला ," बाबा आप ये क्या कर रहे हैं ?, आप इस पेड़ को छोड़ क्यों नहीं देते?"

साधु बोले ,"मैं क्या करूँ बालक ये पेड़ मुझे छोड़ ही नहीं रहा है ?"

पति हँसते हुए बोला , "महाराज आप पेड़ को पकडे हुए हैं , पेड़ आप को नहीं !….आप जब चाहें उसे छोड़ सकते हैं."

साधू-महाराज गंभीर होते हुए बोले, " इतने दिनों से मै तुम्हे क्या समझाने कि कोशिश कर रहा हूँ .यही न कि तुम जुआ खेलने की आदत को पकडे हुए हो ये आदत तुम्हे नहीं पकडे हुए है!"

पति को अपनी गलती का अहसास हो चुका था  , वह समझ गया कि किसी भी आदत के लिए वह खुद जिम्मेदार है ,और वह अपनी इच्छा शक्ति के बल पर जब चाहे उसे छोड़ सकता है.

Friday, 26 July 2013

बड़ा काम छोटा काम


Hindi Story With a Message

बड़ा काम छोटा काम!

शहर की मेन मार्केट में  एक  गराज  था  जिसे  अब्दुल  नाम  का  मैकेनिक चलाता  था . वैसे  तो  अब्दुल  एक अच्छा आदमी  था  लेकिन  उसके  अन्दर  एक  कमी  थी , वो  अपने  काम  को  बड़ा  और दूसरों  के  काम  को  छोटा  समझता  था .

एक  बार  एक  हार्ट  सर्जन  अपनी  लक्ज़री कार लेकर  उसके  यहाँ  सर्विसिंग  कराने  पहुंचे . बातों -बातों  में  जब  अब्दुल  को  पता  चला  की  कस्टमर  एक  हार्ट  सर्जन  है  तो  उसने  तुरन्त  पूछा , "  डॉक्टर साहब  मैं  ये  सोच रहा  था  की  हम  दोनों  के  काम एक  जैसे  हैं… !"

"एक  जैसे  ! वो  कैसे ?" , सर्जन  ने थोडा अचरज से पूछा .

"देखिये  जनाब ," अब्दुल कार  के कौम्प्लिकेटेड इंजन  पर  काम  करते  हुए  बोल , " ये  इंजन  कार  का  दिल  है  , मैं  चेक  करता  हूँ  की  ये  कैसा  चल  रहा  है  , मैं  इसे  खोलता  हूँ  , इसके  वाल्वस फिट करता  हूँ , अच्छी तरह  से  सर्विसिंग  कर  के  इसकी प्रोब्लम्स ख़तम  करता  हूँ  और  फिर  वापस  जोड़  देता  हूँ …आप  भी  कुछ  ऐसा  ही  करते  हैं  ; क्यों  ?"

"हम्म ", सर्जन  ने  हामी  भरी .

"तो  ये  बताइए  की  आपको  मुझसे  10 गुना  अधिक  पैसे  क्यों  मिलते  हैं, काम तो आप भी मेरे जैसा ही करते हैं ?", अब्दुल  ने  खीजते  हुए पूछा .

सर्जन  ने  एक क्षण सोचा  और  मुस्कुराते  हुए बोला  , " जो  तुम  कर  रहे  हो  उसे चालू इंजन  पे  कर के  देखो  , समझ  जाओगे ."

अब्दुल को इससे पहले किसी ने ऐसा जवाब नही दिया था, अब वह अपनी गलती समझ चुका था.

Friends, हर एक  काम की  अपनी  importance होती  है , अपने  काम  को  बड़ा समझना ठीक  है  पर  दूसरों  के  काम  को  कभी  छोटा  नहीं  समझना  चाहिए  ; हम  औरों  के  काम  के  बारे  में  बस उपरी तौर पे  जानते  हैं  लेकिन  उसे  करने  में  आने  वाले  challenges के  बारे  में  हमें  कुछ  ख़ास  नहीं  पता  होता . इसलिए  किसी  के  काम  को  छोटा  नहीं  समझें  और  सभी  की  respect करें

Wednesday, 17 July 2013

परोपकार की भावना


पुराने जमाने की बात है। एक राजा ने दूसरे राजा के पास एक 
पत्र और सुरमे की एक छोटी सी डिबिया भेजी। पत्र में 
लिखा था कि जो सुरमा भिजवा रहा हूं वह अत्यंत मूल्यवान है। इसे लगाने 
से अंधापन दूर हो जाता है। राजा सोच में पड़ गया। वह समझ नहीं पा रहा था 
कि इसे किस-किस को दे। उसके राज्य में नेत्रहीनों की संख्या अच्छी- खासी 
थी, 

पर सुरमे की मात्रा बस इतनी थी जिससे दो आंखों की रोशनी लौट सके। 
राजा इसे अपने किसी अत्यंत प्रिय व्यक्ति को देना चाहता था। 
तभी राजा को अचानक अपने एक वृद्ध मंत्री की स्मृति हो आई। वह 
मंत्री बहुत ही बुद्धिमान था, मगर आंखों की रोशनी चले जाने के कारण 
उसने राजकीय कामकाज से छुट्टी ले ली थी और घर पर ही रहता था। 

राजा ने सोचा कि अगर उसकी आंखों की ज्योति वापस आ गई 
तो उसे उस योग्य मंत्री की सेवाएं फिर से मिलने लगेंगी। राजा ने 
मंत्री को बुलवा भेजा और उसे सुरमे की डिबिया देते हुए कहा, 'इस 
सुरमे को आंखों में डालें। आप पुन: देखने लग जाएंगे। ध्यान रहे यह 
केवल 2 आंखों के लिए है।' मंत्री ने एक आंख में सुरमा डाला। 
उसकी रोशनी आ गई। 

उस आंख से मंत्री को सब कुछ दिखने लगा। फिर 
उसने बचा-खुचा सुरमा अपनी जीभ पर डाल लिया। 
यह देखकर राजा चकित रह गया। उसने पूछा, 'यह आपने क्या किया?अब 

तो आपकी एक ही आंख में रोशनी आ पाएगी। लोग आपको काना कहेंगे।' 
मंत्री ने जवाब दिया, 'राजन, चिंता न करें। मैं काना नहीं रहूंगा। मैं 
आंख वाला बनकर 
हजारों नेत्रहीनों को रोशनी दूंग मैंने चखकर यह जान लिया है 
कि सुरमा किस चीज से बना है। मैं अब स्वयं सुरमा बनाकर 
नेत्रहीनों को बांटूंगा। 

' राजा ने मंत्री को गले लगा लिया और कहा, 'यह 
हमारा सौभाग्य है कि मुझे आप जैसा मंत्री मिला। अगर हर राज्य 
के मंत्री आप जैसे हो जाएं तो किसी को कोई दुख नहीं होगा।' — 

Sunday, 7 July 2013

APJ अब्दुल कलाम का interview

एक बार अब्दुल कलाम का interview लिया जा रहा था. उनसे एक सवाल पूछा गया. और उस सवाल के जवाब को ही मैं यहाँ present कर रहा हूँ.

सवाल: क्या आप हमें अपने व्यक्तिगत जीवन से कोई example दे सकते हैं की हमें हार को किस तरह स्वीकार करना चाहिए? एक अच्छा leader हार को किस तरह फेस करता हैं?

अब्दुल कलाम: मैं आपको अपने जीवन का ही एक अनुभव सुनाता हूँ. 1973 में मुझे भारत के satellite launch program, जिसे SLV-3 भी कहा जाता हैं, का head बनाया गया.

हमारा goal था की 1980 तक किसी भी तरह से हमारी satellite 'रोहिणी' को अंतरिक्ष में भेज दिया जाए. जिसके लिए मुझे बहुत बड़ा बजट दिया गया. और human resource भी available कराया गया.  पर मुझे इस बात से भी अवगत कराया गया था की निश्चित समय तक हमें ये goal पूरा करना ही हैं. हजारों लोगों ने बहुत मेहनत की.

1979 तक- शायद अगस्त का महिना था- हमें लगा की अब हम पूरी तरह से तैयार हैं.

launch के दिन प्रोजेक्ट director होने के नाते. मैं control रूम में launch बटन दबाने के लिए गया.

launch से 4 मिनट पहले computer उन चीजों की list को जांचने लगा जो जरुरी थी. ताकि कोई कमी न रह जाए. और फिर कुछ देर बाद computer ने launch रोक दिया. वो बता रहा था की कुछ चीज़े आवश्यकता अनुसार सही स्तिथि पर नहीं हैं.

मेरे साथ ही कुछ experts भी थे. उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया की सब कुछ ठीक है. और कोई गलती नहीं हुई हैं. और फिर मैंने computer के निर्देश को bypass कर दिया. और राकेट launch कर दिया.

first स्टेज तक सब कुछ ठीक रहा. पर सेकंड स्टेज तक गड़बड़ हो गयी. राकेट अंतरिक्ष में जाने के बजाय बंगाल की खाड़ी में जा गिरा. ये एक बहुत ही बड़ी असफ़लता थी.

उसी दिन, Indian space research organisation (I.S.R.O.) के चेयरमैन Prof. सतीश धवन ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई.

Prof. धवन, जो की संस्था के head थे. उन्होंने mission की असफ़लता की सारी ज़िम्मेदारी खुद ले लीं. और कहा की हमें कुछ और technological उपायों की जरुरत थी. पूरी देश दुनिया की media वहां मौजूद थी. उन्होंने कहा की अगले साल तक ये कार्य संपन्न हो ही जायेगा.

अगले साल जुलाई 1980 में हमने दोबारा कोशिश की. और इस बार हम सफल हुए. पूरा देश गर्व महसूस कर रहा था.

इस बार भी एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गयी.

प्रोफेसर धवन ने मुझे side में बुलाया और कहा – " इस बार तुम प्रेस कांफ्रेंस conduct करो."

उस दिन मैंने एक बहुत ही जरुरी बात सीखी. जब असफ़लता आती हैं तो एक leader उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हैं. और जब सफ़लता मिलती है तो वो उसे अपने साथियों के साथ बाँट देता हैं.

समस्या का दूसरा पहलु

पिताजी कोई किताब पढने में व्यस्त थे , पर उनका बेटा बार-बार आता और उल्टे-सीधे सवाल पूछ कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता .

पिता के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ता.

तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को किसी और काम में उलझा दिया जाए तो बात बन सकती है. उन्होंने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे. तभी उन्हें विश्व मानचित्र छपा दिखा , उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और बच्चे को बुलाया – " देखो ये वर्ल्ड मैप है , अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूँ , तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़ कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा."
और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे दिया.

बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह सोच कर खुश होने लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे किताब पढ़ सकेंगे .

लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और बोला , " ये देखिये पिताजी मैंने मैप तैयार कर लिया है ."

पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल सही था, – " तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , ये तो बहुत मुश्किल काम था ?"

" कहाँ पापा, ये तो बिलकुल आसान था , आपने जो पेज दिया था उसके पिछले हिस्से में एक कार्टून बना था , मैंने बस वो कार्टून कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप ही तैयार हो गया.", और ऐसा कहते हुए वो बाहर खेलने के लिए भाग गया और पिताजी सोचते रह गए .

Friends , कई बार life की problems भी ऐसी ही होती हैं, सामने से देखने पर वो बड़ी भारी-भरकम लगती हैं , मानो उनसे पार पान असंभव ही हो , लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलु देखते हैं तो वही problems आसान बन जाती हैं, इसलिए जब कभी आपके सामने कोई समस्या आये तो उसे सिर्फ एक नजरिये से देखने की बजाये अलग-अलग दृष्टिकोण से देखिये , क्या पता वो बिलकुल आसान बन जाएं !

दीर्घजीवी होना चाहते हो तो कठोरता छोड़ो और विनम्रता सीखो।'

एक साधु बहुत बूढ़े हो गए थे। उनके जीवन का आखिरी क्षण आ पहुँचा। आखिरी क्षणों में उन्होंने अपने शिष्यों और चेलों को पास बुलाया। जब सब उनके पास आ गए, तब उन्होंने अपना पोपला मुँह पूरा खोल दिया और शिष्यों से बोले-'देखो, मेरे मुँह में कितने दाँत बच गए हैं?' शिष्यों ने उनके मुँह की ओर देखा।

कुछ टटोलते हुए वे लगभग एक स्वर में बोल उठे-'महाराज आपका तो एक भीदाँत शेष नहीं बचा। शायद कई वर्षों से आपका एक भी दाँत नहीं है।' साधु बोले-'देखो, मेरी जीभ तो बची हुई है।'

सबने उत्तर दिया-'हाँ, आपकी जीभ अवश्य बची हुई है।' इस पर सबने कहा-'पर यह हुआ कैसे?' मेरे जन्म के समय जीभ थी और आज मैं यह चोला छोड़ रहा हूँ तो भी यह जीभ बची हुईहै। ये दाँत पीछे पैदा हुए, ये जीभसे पहले कैसे विदा हो गए? इसका क्या कारण है, कभी सोचा?'

शिष्यों ने उत्तर दिया-'हमें मालूम नहीं। महाराज, आप ही बतलाइए।'

उस समय मृदु आवाज में संत ने समझाया- 'यही रहस्य बताने के लिए मैंने तुम सबको इस बेला में बुलाया है। इस जीभ में माधुर्य था, मृदुता थी और खुद भी कोमल थी, इसलिए वह आज भी मेरे पास है परंतु.......मेरे दाँतों में शुरू से ही कठोरता थी, इसलिए वे पीछे आकर भी पहले खत्म हो गए, अपनी कठोरता के कारण ही ये दीर्घजीवी नहीं हो सके।

दीर्घजीवी होना चाहते हो तो कठोरता छोड़ो और विनम्रता सीखो।'

बोलिये राम..... कहिये राम.....सुनिये राम
जय सियाराम

http://www.kuchkhaskhabar.com/

Saturday, 6 July 2013

हिंदी न्यूज़ पेपर के लिये कुछ साइट्स

अगर आप हिंदी में ऑनलाइन न्यूज़ पेपर पढ़ना चाहते है  तो इसके लिए मैं आपको कुछ साईट के बारे में बताता हु जो शायद आपके काम आये|  निचे दिए गये किसी ऐक लिंक पर क्लिक करे | क्लिक करते ही हिंदी का न्यूज़ पेपर आपके सामने होगा 



अगर आप का आधार कार्ड गुम हो जाता है तो,......


आज में आप को एक बोहत अच्छी जानकारी देने जा रहा हु . अगर आप का आधार 
कार्ड गुम हो जाता है, तो, जा फिर बनाने के बाद आता ही नहीं है, जा 
फिर 6 महीने के बाद आता है , तो 
आप फिर बी अपना आधार कार्ड आज ही ले सकते हो , बस आप को कुछ मेहनत करनी है , 

Note.. जब आप आधार कार्ड बनबाने जाते हो तो आप को एक स्लिप दी जाती है बस 
बो सिल्प आप के पास हो तो आप अपना आधार कार्ड प्राप्त kar सकते हो, 


1) सब से पहले आप को इस वेबसाइट पर जाना होगा, 

http://eaadhaar.uidai.gov.in/eDetails.aspx 

2) Slip Me Di huye Jnakari aap Ko is Website Me dene Hogi .Or SubMit 
Par Click Karna 

Hoga . 

3) Click Krte Hi aap Ko apne Mobile Par EK Code aye ga . 

Jo Mobile NO aap NE Slip ME Deya Huya Hai .Is Code KO aap Ne WEbsite 
ME dena Hoga . 

4) Fir AAp apna आधार कार्ड Download Kar Sakte Ho .Or Print Le Sakte Ho . 

Note--- Agar AAp ke Mobile Par Code Nahi Ata hai TO aap apna No fir SE 
De Sakte Ho .Is 

Mobile No Par Par aap ko Code Mil Jaye ga . 

Friday, 5 July 2013

अब गूगल में बोल कर जानकारी प्राप्त करे |

अब आप गूगल क्रोम में टाइप करने के साथ साथ बोल कर भीं सर्च  कर सकते हैं| ये सुभिदा अभी तक google .com  पर ही उपलब्ध है |
इसमें आपको अपने सर्च पेज में सर्च बॉक्स के अंत में एक माईक के जैसा आइकन दिखाई देगा आपको इस पर क्लिक करना है अब आपको एक नया सन्देश दिखाई देगा Speak Now का अब आप अपने कंप्यूटर के माइक पर जो भी कहेंगे ये आपके लिए गूगल पर ढूंढेगा .
बस इसके लिए आपके कंप्यूटर में माइक होना जरुरी है |

Thursday, 4 July 2013

अब दृष्टिहीन भी एटीएम से निकाल सकेंगे पैसे, जानिए कैसे?



Blind people

अब दृष्टिहीन भी एटीएम से निकाल सकेंगे पैसे, जानिए कैसे?

वाराणसी [जासं]। अब दृष्टिहीन खाताधारक भी आम नागरिकों की तरह एटीएम से रुपये निकाल सकेंगे। उनके लिए खासकर बोलती एटीएम बनाई गई है। वाराणसी में अपनी तरह का यह पहला एटीएम है। इसकी पहल गुरुवार को काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक करने जा रहा है।

स्पीकर व इयर फोन : इस एटीएम में स्पीकर व इयर फोन लगे हैं। रुपये निकालने के लिए दृष्टिहीन खाताधारक को यह इयर फोन अपने कान में लगाना होगा। इसके बाद कार्ड को एटीएम में डालना होगा। इयर फोन व स्पीकर के माध्यम से उन्हें पिन कोड की इंट्री, हिंदी, अंग्रेजी भाषा, एकाउंट का नेचर, कितनी धनराशि लेनी है आदि जानकारियां ली जाएगी। दृष्टिहीन खाताधारक वहां लगे बटनों से यह जानकारी एटीएम को देगा। पांच नंबर के बटन पर उभार होने से वह अंकों की जानकारी कर सकेंगे। प्रक्रिया पूरी होने पर कैश व उसकी रसीद मिल जाएगी। किसी भी बैंक के दृष्टिहीन खाताधारक टाकिंग एटीएम का लाभ लें सकते हैं।

उद्घाटन आज

ग्रामीण बैंक चेयरमैन एसएन त्रिपाठी के अनुसार देश में 64 ग्रामीण बैंक है जिनकी 17 हजार 864 शाखाएं है। काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक पहला ऐसा बैंक है, जिसको यह श्रेय मिलने जा रहा है। पहड़िया स्थित शाखा पर गुरुवार को टाकिंग एटीएम का उद्घाटन यूनियन बैंक के महाप्रबंधक ललित सिन्हा करेंगे।

यूबीआई ग्रामीण बैंक का प्रवर्तक बैंक है। यूबीआइ ने देश भर में 100 टाकिंग एटीएम लगाने के लिए एनसीआर कारपोरेशन को ठेका दिया है।


यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है 
जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ 
E-mail करें. हमारी Id है: latestdiscoverynews@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे 
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अजूबा है दो सिर वाला कछुआ

Two Headed Turtle

अजूबा है दो सिर वाला कछुआ

दुनिया में हर जीव की लगभग एक सी बनावट होती है। पर वही बनावट जब अलग हो जाती है तो वह वाकई में अजूबा होता है। पूरी दुनिया में इंसान से लेकर जानवर तक हर किसी का एक ही सर होता है और चार पांव जिसे हम इंसानों ने अपनी बुद्धि से दो पांव और दो हाथ बना लिए। पर सिर तो फिर भी जनाब हर किसी का एक ही होता है। अब अगर एक सिर की जगह दो सिर वाला इंसान तो छोड़ दीजिए, कोई भी जानवर, पक्षी भी आप देखेंगे तो अजूबा ही कहेंगे। पर कई बार ऐसे अजूबे प्यारे भी होते हैं।

अमेरिक के टेक्सास में प्रकृति का एक ऐसा ही अजूबा आजकल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। टेक्सास के सान एंटोनियो चिडि़याघर में 25 जून को एक दो सिर वाला कछुआ पैदा हुआ है। यह छोटा सा, प्यारा दो सिर वाला कछुआ अजूबा सा दिखने के साथ ही हर किसी को लुभा रहा है। लोग इसे देखने के लिए सान एंटोनियो चिडि़याघर आ रहे हैं। चिडि़याघर के कर्मचारियों ने इसका नाम थेल्मा और लुईस रखा है। अन्य कछुओं की तरह यह भी पानी और जमीन पर एक सा रह सकता है, चल सकता है और तैर भी सकता है। विशेषज्ञों ने इसे पूरी तरह स्वस्थ बताया है।

ट्रेन चालक को जगाएगी स्मार्ट ड्रेस

भिवानी। अब ट्रेन के चालक को नींद आई तो ड्रेस ही उसे जगा देगी। उसने शराब पीकर ट्रेन चलाई तो मुख्यालय पर तुरंत संदेश पहुंच जाएगा। धुंध के सीजन में सिग्नल दिखाएगी तो भारी गर्मी से राहत देने के लिए ड्रेस ठंड का अहसास कराएगी। भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसी पहली ड्रेस बन रही है जो चालक आराम से पहनकर खुद व हजारों यात्रियों की सुरक्षा कर सकता है। भिवानी के टीआइटी कॉलेज के इंजीनियरिंग के छात्रों व प्राध्यापकों के इस प्रोजेक्ट को रेलवे डीजल लोको मोटिव शेड तुगलकाबाद ने भी अस्थायी अनुमति प्रदान की है।

ड्रेस की खासियत

- रेलगाड़ी में आग लगी तो ड्रेस सचेत करेगी

- धुंध में 800 मीटर पहले रेलमार्ग पर लगे लाइट सिग्नल बताएगी।

- चालक ने शराब या अन्य नशा किया तो मुख्यालय के नजदीकी स्टेशन पर मैसेज करेगी।

- दिमाग व धड़कन को भी यह ड्रेस मॉनीटर करेगी।

- धोने लायक है और इसमें कहीं भी वायर का उपयोग नहीं

- ड्रेस छह सेंसरों से नियंत्रित होती है।

कौन-कौन से हैं सेंसर

- इंफ्रारेड सेंसर- लाइट सिग्नल की जानकारी देगा

- स्मोक सेंसर- गाड़ी में आग लगने की जानकारी देगा

- अलकोहल सेंसर-चालक के नशे की जानकारी देगा

- शेष तीन सेंसर गोपनीय हैं। इनके अलावा एलईडी, बजर व वाइब्रेटर का इस्तेमाल किया गया है, जो चालक को जगाने का कार्य करेंगे।

कैसे जागेगा चालक

चालक को नींद का झटका आते ही सेंसर सबसे पहले वाइब्रेटर को वाइब्रेट करेगा। फिर भी न जागने पर बजर बजना शुरू हो जाएगा। फिर भी नहीं जागने पर पिन्स हाथों में चुभना शुरू हो जाएंगी। इसके बावजूद चालक पर कोई असर नहीं पड़ता है तो मुख्यालय को संदेश चला जाएगा और गाड़ी धीमी हो जाएगी।

सुपरफास्ट ट्रेन 800 मीटर और एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनें 450 मीटर पर जाकर रुक जाएगी। ये ड्रेस वीसीडी से कनेक्ट होगी। वीसीडी ट्रेन के चालक केबिन में लगा होता है।

गर्मी में होगा ठंडक का अहसास

डॉ. केएन चटर्जी व सहायक प्रोफेसर तरुण ग्रोवर ने इस ड्रेस को वातानुकूलित बनाया है। डॉ. चटर्जी बताते हैं कि कपड़े में मेटा पेरीजम की विशेष टाइप का मैटेरियल एड किया जाता है। कपड़ा फेस चेजिंग मैटेरियल बन जाता है। इससे कपड़ा सर्दी में गर्मी का अहसास कराता है और गर्मी में ठंड का अहसास कराता है। इस कपड़े को तैयार करने पर करीब तीन हजार रुपये और इलेक्ट्रानिक आइटमों पर लगभग 20 हजार रुपये का खर्च आता है।

इस रक्षा प्रोजेक्ट को इन्होंने किया तैयार

टीआइटीएस के प्रोफेसर डॉ. असीम खंडूल, सहायक प्रोफेसर एसके झा, प्रोजेक्ट इंचार्ज विशाल अत्री, रोहित गोयल, सुमित कुमार, मनु शर्मा व भारत वर्मा ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोजेक्ट हेड प्रोफेसर कमल सरदाना हैं।

गर्भवती महिलाओं व उनके बच्चों की धड़कन भी बता सकती है ड्रेस

भविष्य में यह ड्रेस गर्भवती महिलाओं व उनके पेट में पल रहे बच्चों की धड़कन भी बताएगी। सबसे बड़ी बात इस आधुनिक स्मार्ट ड्रेस के लिए बिजली या किसी अन्य सहायक यंत्र की आवश्यकता नहीं है। इसके रखरखाव में भी कोई परेशानी नहीं होगी। यह किसी भी व्यक्ति के शरीर को भी मॉनीटर करेगी और इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं है।


बलवान शर्मा

एक अद्भुत सुरंग जहां पूरी होती है हर मुराद


Ukraine

एक अद्भुत सुरंग जहां पूरी होती है हर मुसुरंग के नाम पर आपके दिमाग में एक अंधेरी जगह की तस्वीर उभर आएगी, जहां आपको थोड़ी देर के लिए कुछ भी दिखाई नहीं देता है, एक ऐसी जगह की तस्वीर जो पत्थरों को काटकर बनाई गई होती है। उस घुप अंधेरे में देखने की तो आप बात ही नहीं कर सकते, खूबसूरत नजारों की तो बात तो छोड़ ही दीजिए। पर क्या आपको पता है कि दुनिया में एक सुरंग ऐसी भी है जो न सिर्फ देखने में खूबसूरत है, बल्कि प्रेमी जोड़ों के लिए यह लव स्पॉट माना जाता है। कहते हैं कि यहां प्रेमी जोड़ों की हर मुराद पूरी होती है।

जी हां, यूक्त्रेन में क्लेवेन नाम का एक शहर है। यहां एक ऐसी सुरंग है जो प्रेमी जोड़ों की हर मुराद पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है। वास्तव में यह सुरंग एक हरा-भरा खूबसूरत पार्क जैसा दिखता है। यहां एक प्राइवेट रेल की पटरी बिछी हुई है जहां से ट्रेनों पर फैक्ट्री के लिए लकडि़यां ले जाई जाती हैं। सुनने में आपको यह अजीब सा वीराना जगह लग सकता है, पर हकीकत में प्रकृति की खूबसूरत कलाकारी का नमूना है। चारों तरफ से हरी-भरी खूबसूरत लताओं और पेड़ों से घिरा यह सुरंग प्रेमी लव स्पॉट माना जाता है। कहते हैं कि जिनका प्यार सच्चा होता है, यहां आकर मांगी गई उनकी हर मुराद पूरी होती है।

ऑनलाइन हिंदी में कंप्यूटर सीखे |

यदि आप हिंदी में कंप्यूटर सीखना चाहते है तो इसके लिए मै आपको ऐक बहुत अच्छी वेबसाइट बताने जा रहा हु| इस वेबसाइट से आप पुरे कंप्यूटर की जानकारी विडियो  के साथ देख कर ले सकते है| 
   जितना ज्यादा हो सके इस वेबसाइट को publish करे और अपने दोस्तों को भी बताये |
मुझे आशा है की यह साईट आप लोगो के लिए फायदेमंद होगी |


अपने फाइल और फोल्डर को लगाईये लॉक |

यदि आप अपना डाटा किसी के साथ शेयर नही करना चाहते तो इसके लिए आज मैं ऐक छोटा सा सॉफ्टवेर दे रहा हु |
इस सॉफ्टवेर को डाउनलोड करे और इनस्टॉल करके आप इसे इस्तेमाल क्र सकते हैं |


हिंदी फिल्म देखने के 10 विकल्प



ऑनलाइन हिंदी फिल्म देखने के लिए दस वेबसाइट्स जहाँ पर आप नयी पुरानी हिंदी फिल्मे देख पायेंगे ।

ये हैं वो 10 वेबसाइट्स जहाँ से आप ऑनलाइन हिंदी फिल्म देख सकते हैं -

(1) Hindi Movies Online

(2) Hindi Links 4u

(3) Rajshri

(4) ibolly

(5) Onlinewatchmovies

(6) Watch-Hindi-Movies

(7) Apna View

(8) Bharat Movies

(9) Bolly Clips

(10) Movie Desi

Wednesday, 3 July 2013

Pen Drive ko bootable bnaye


अगर आप विंडोज इंटरनेट से डाउनलोड करते हैं तो ज्यादातर ये आपको iso फाइल फॉर्मेट में ही मिलता है जिसे सीडी/डीवीडी बर्न कर उसके जरिये आप किसी भी कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टाल करते हैं ।
बूटेबल यूएसबी ड्राइव बनाने के लिए सीडी की बजाये सीधे iso फाइल का उपयोग ज्यादा आसान रहता है ।
इससे ख़राब सीडी/डीवीडी से की परेशानी ख़त्म हो जाती है ।

ऐसे में एक छोटा और बेहद आसान टूल WinToBootic v1.2 जो आपको iso फाइल से बूटेबल यूएसबी बनाकर उसके जरिये विंडोज इंस्टाल करने की सुविधा देता है ।

इसमें बस अपने पेन ड्राइव लगाइए और iso फाइल या तो ब्राउज कीजीए या Drag & Drop का उपयोग कर इस पर छोड़ दीजिये । फिर एक क्लिक से ये अपना काम शुरू कर आपके यूएसबी ड्राइव को बूटेबल ड्राइव में बदल देगा ।


एक छोटा पोर्टेबल और आसान टूल सिर्फ 470 केबी आकार में और मुफ्त ।


इसे डाउनलोड करने यहाँ क्लिक करें । 

posted by Naveen kumar

Monday, 1 July 2013

ढेर सारे विन्डोज़ कमांड एक ही सॉफ्टवेयर में


विन्डोज़ के ढेर सारे कमांड एक ही सॉफ्टवेयर से डेस्कटॉप में पाइए ।

३.४ एमबी का मुफ्त टूल आपके विण्डो को बेहतर बनायेगा बड़ी आसानी से ।


डाउनलोड करने यहाँ क्लिक करें

अपने कंप्यूटर को बनाइये ज्यादा तेज और सुरक्षित

आज आपको अपने पसंदीदा प्रोग्राम्स में से एक से मिला दूँ । एक बहु उपयोगी औजार जो आपके कंप्यूटर को तेज और सुरक्षित बनाने में आपकी मदद करेगा ।

कंप्यूटर के धीमे होने के कुछ मुख्य कारण है
Start Up Programs - ये वो प्रोग्राम हैं जो आपके कंप्यूटर के शुरू होते ही चलने लगते है ऐसे बहुत से प्रोग्राम है जिनकी आपको जरुरत नहीं पर ये आपके कंप्यूटर में छुपे रूप में चलकर आपके कंप्यूटर को धीमा कर रहे होते हैं ।

Temprory Files - ये वो फाइल्स है जो कंप्यूटर किसी भी प्रोग्राम या कंप्यूटर के चलते हुए अस्थायी तौर पर बनाता रहता है इनका बाद में विशेष उपयोग नहीं होता पर ये आपके हार्ड डिस्क को भरते रहते है कई कंप्यूटर में तो ये 4 जीबी तक की जगह लिए होते हैं ।

Registry Problems - रजिस्ट्री आपके विंडोज का एक जरुरी हिस्सा है और समय के साथ इनमे भी समस्याएं आती रहती है ।

और ये एक औजार आपको इन सभी समस्याओं से मुक्ति दिला सकता है ।
इसे उपयोग करना भी बहुत आसान है ।
प्रोग्राम को इन्स्टाल कर शुरू करें ।
अब ऊपर दिए मुख्य चित्र की तरह विंडो आपके सामने होगी ।
इस विंडो में Windows Sequrity Analysis को अनचेक कर दें (अगर आपने ऐसा नहीं किया तो ये प्रोग्राम विंडोज अपडेट डाउनलोड करने लगेगा )

अब नीचे Scan आप्शन पर क्लिक करें ।
आपके सामने स्टार्ट अप् प्रोग्राम्स, इंटरनेट एक्स्प्लोरर के प्लग इन और अवांछित प्रोग्राम्स जो आपके कंप्यूटर को नुक्सान पहुंचा सकते हैं उनकी एक सूची आ जाएगी ।
कुछ इस तरह


अब जो प्रोग्राम और प्लग इन आपके काम के नहीं है उन्हें बाए ओर दिए चेक बॉक्स में क्लिक कर चुन लें ।

ध्यान रखें की एंटी वायरस प्रोग्राम को ना चुने वरना आपे कंप्यूटर पर एंटी वायरस प्रोग्राम शुरू नहीं होंगे औरआपका कंप्यूटर असुरक्षित हो जायेगा । 

अब Repair आप्शन पर क्लिक करें । अब आप जब अगली बार अपना कंप्यूटर शुरू करेंगे वो जल्दी शुरू होगा और तेज भी चलेगा ।

Registry Problems को ठीक करने के लिए मुख्य विंडो में Registry Cleanup टैब पर क्लिक करे
नीचे Scan आप्शन पर क्लिक करे ।
Scan पूरा होने पर Clean पर क्लिक करे Registry की समस्याएं दूर हो जायेंगी ।

इसी तरह अपने कंप्यूटर से Temprory Files हटाने के लिए मुख्य विंडो में Privacy Cleanup टैब पर क्लिक करे
नीचे Scan आप्शन पर क्लिक करे ।
Scan पूरा होने पर Clean पर क्लिक करे ।



सिर्फ 4.5 एमबी आकार का उपयोगी औजार ।


इसे डाउनलोड करने यहाँ क्लिक करें ।