लिखिए अपनी भाषा में

Monday, 2 September 2013

इस कहानी को पढकर कई रो देंगे !!

75 साल की उस बुढ़िया माँ का वजन लगभग 40
किलो होगा !!
आज जब तबियत बिगड़ने पर वो डॉक्टर को दिखाने
गयी !!
डॉक्टर ने कहा ' माताजी आप हेल्थ काख्याल रखिये !! आप
का वजन जरूरत से ज्यादा कम है !! आप खाने में जूस,
सलाद , दूध , फल , घी , मेवा और हेल्थी फ़ूड लिजियें !!
नहीं तो आपकी सेहत दिनों दिन गिरती जायेगी और
हालत नाजुक हो जायेंगे!! '
उसने भारी मन से डॉक्टर की बात को सुना और बाहर
निकल कर सोचने लगी, इतनी महंगाई में ये सब कहाँ से
आएगा......???
और पिछले पचास सालों में, फ्रूट, घी, मेवा घर में
लाया कौन है....???
बहुत ही मामूली पेंसन से जो थोडा बहुत पैसा मिलता है
उससे घर के जरुरी सामान तो पति ले आतें है, लेकिन फल,
जूस, हरी सब्जी, ये सब पतिने कभी ला कर
नहीं दिया,....और खुद भी कभी ये सब खरीदने की हिम्मत
नहीं कर सकी....क्यूंकि जब भी मन करता कुछ खाने का,
खाली पर्स हमेशा मुंह चिढाने लगता....
नागपुर (विदर्भ) जैसे शहर में ... मामूली सी नौकरी में
और जिंदगी की गहमागहमी में सारी जमा पूंजी,
पति का PF , घर की सारी अमानत , संपदा, गहने जेवर
सब एक बेटे और दो बेटियों की परवरिश , पढाई लिखाई
शादी में में सब कुछ खत्म हो गया...
दूर दिल्ली में रह रहा एक बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर और
मोटी तनख्वाह उठा रहा बेटा भी तो खर्चे के नाम पर
सिर्फ पांच सौ रुपये देता है...वो भी महीने के.....
बेटियों से अपने दुःख माँ ने सदा छुपाये है...उन्हें
कभी अपने गमो में शामिलनहीं किया...आखिर ससुराल
वाले क्या सोचेंगे.....???
अब बेटे के भेजे इन पांच सौं रुपये में बूढ़े माँ बाप तन ढके
या मन की करें ?????
उसने सोचा चलो एक बार बेटे को डॉक्टर की रिपोर्ट
बता दी जाए..
उसने बेटे को फ़ोन किया और कहा - बेटा डॉक्टर ने
बताया है की विटामिन, खून की की कमी , कमजोरी से
से चक्कर आये थे....इसी लिए खाने में सलाद, जूस, फ्रूट,
दूध , फल , घी , मेवालेना शुरू करो !!
बेटा - "माँ आप को जो खाना है खाओ , डॉक्टर की बात
ना मानों.... !!"
माँ ने कहा – बेटा, थोड़े पैसे अगर भेज देता तो ठीक
रहता..... !!
बेटा - " माँ इस माह मेरा बहुत खर्चा हो रहा है, कल
ही तेरी पोती को मैंने फिटनेस जिम जोईन कराया है, तुझे
तो पता ही है, वो कितनी मोटी हो रही है, इसी लिए
जिम जोईन कराया है.......उसके महीने के सात हजार
रुपये लगेंगे..............जिसमे उसका वजन, चार किलो हर
माह कम करायाजाएगा..... और कम से कम पांच माह
तो उसे भेजना ही होगा.......पैंतीस हजार का ये
खर्चा बैठे बिठाये आ गया....अब जरुरी भी तो है ये
खर्चा...!!
आखिर दो तीन साल में इसकी शादी करनी है और आज कल
मोटी लड़कियां, पसंद कोई करता नहीं.....!! "
माँ ने कहा - " हाँ बेटा ये तो जरुरीथा.....कोई बात
नहीं वैसे भी डॉक्टर लोग तो ऐसे ही कुछ भी कहतें रहते
है.....चक्कर तो गर्मी की वजह से आ गयें होंगे, वरना इतने
सालों में तो कभी ऐसा नहीं हुआ.....खाना तो हमेशा से
यही खा रही हूँ मैं...!!!"
बेटा - "हाँ माँ.....अच्छा माँ अभी मैं फोन
रखता हूँ ....बेटी के लिए डाइट चार्ट ले जाना है और कुछ
जूस, फ्रूट और डायट फ़ूड भी ....आप अपना ख्याल रखना !!"
फोन कट गया....
माँ ने एक ग्लास पानी पिया...
और साडी पर फोल लगाने मे लग गयी....
एक साड़ी में फोल लगाने के माँ को पन्द्रह रुपये
मिलेंगे....इन रुपयोंसे माँ आज गणेश पूजा के लिए बाजार से
लड्डू खरीदेंगी....आज गणेश चतुर्थी जो है !!
माँ के पास आज साड़ी में फोल लगाने के तीन आर्डर
है...माँ ने मन ही मन श्री गणेश
का शुक्रिया अदा किया क्यूंकि आज वो आधा किलो लड्डू
खरीदही लेंगी गणेश जी की पूजा के लिए इनपैसो से ...और
मन ही मन अपने बेटे की सुखी और समृद्ध जिंदगी के लिए
प्रभु श्री गणेश से प्रार्थना भी की!!

Sunday, 1 September 2013

Ek achhi story

हकीम लुकमान बड़े तत्वज्ञानी थे। बचपन में
वह गुलाम थे। वह दिन-रात मालिक
की सेवा में लगे रहते थे। उनके मालिक ने एक
दिन लुकमान को जान-बुझकर एक
कड़वी ककड़ी खाने को दी। मालिक ने
सोचा था कि लुकमान इसे चखते ही फेंक
देगा मगर वह पूरी ककड़ी बिना मुंह बनाए
खा गए। उनके चेहरे के हाव-भाव से
ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि ककड़ी उन्हें
कड़वी लगी। मालिक ने पूछा, 'वह
ककड़ी तो कड़वी थी, उसे तू पूरी खा कैसे
गया?' लुकमान ने कहा, 'मेरे अच्छे मालिक!
आप मुझे रोज ही खाने-पीने की कितनी चीजें
देते हैं, उन्हीं के सहारे मेरा जीवन चल रहा है।
आपने मुझे जब
हमेशा इतनी सारी अच्छी वस्तुएं दीं और उन्हें
मैंने स्वीकार कर अपना जीवन
चलाया तो आज अगर कड़वी चीज आ गई,
तो उसे भी स्वीकार क्यों न करता?'
लुकमान ने फिर कहा, 'मुझे
तो आपकी बगिया में ही रहना है। मुझे
तो आपके फूलों से भी उतना ही प्यार है,
जितना कांटों से।' मालिक बड़ा उदार व
समझदार था। वह सोचने लगा कि उस मालिक
ने हमें जन्म दिया, हमारा पालन किया। उसने
हमें इतने सुख में रखा तो अगर कभी-कभार
विपत्तियां आ भी जाएं तो हमें उन्हें ईश्वर
की कृपा मानकर ही कबूल करना चाहिए। फिर
उसने लुकमान से कहा, 'तुमने मुझे सबक
सिखाया है कि जो परमात्मा हमें तरह-तरह के
सुख देता है उसके हाथ से अगर कभी दुख
भी मिले तो उसे खुशी से स्वीकार
करना चाहिए।' मालिक ने लुकमान
का बड़ा सम्मान किया और उसी दिन उन्हें
आजाद कर दिया।

Mobil ke baare me rochak jankaari

मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके
बारे में हमें
जानकारी नहीं होती लेकिन
मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित
होती है ।
इमरजेंसी नंबर ---दुनिया भर में
मोबाइल
का इमरजेंसी नंबर 112 है । अगर आप
मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं
तो 112 नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के
नेटवर्क को सर्च कर लें . ख़ास बात यह
है कि यह नंबर तब भी काम करता है जब
आपकाकीपैड लौक हो !
जान अभी बाकी है---मोबाइल जब
बैटरी लो दिखाए और उस दौरान
जरूरी कॉल करनी हो , ऐसे में आप
*3370# डायल करें , आपका मोबाइल
फिर से चालू हो जायेगा और
आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत
का इजाफा दिखायेगा !
मोबाइल का यह रिजर्व
दोबारा चार्ज
हो जायेगा जब आप अगली बार
मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज
करेंगे !
मोबाइल चोरी होने पर-मोबाइल
फोन
चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले
जरूरत होती है , फोन को निष्क्रिय
करने
की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर
सके
। अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक
करने के लिए *#06# दबाएँ . इसे दबाते
हीं आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट
का कोड नंबर आयेगा . इसे नोट कर लें
और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें . जब
आपका फोन खो जाए उस दौरान
अपने
सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे
तो वह
आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा !
कार की चाभी खोने पर -अगर
आपकी कार की रिमोट केलेस इंट्री है
और गलती से आपकी चाभी कार में बंद
रह
गयी है और दूसरी चाभी घर पर है
तो आपका मोबाइल काम आ
सकता है !
घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन
पर
कॉल करें ! घर में बैठे व्यक्ति से कहें
कि वह
अपने मोबाइल को होल्ड रखकर कार
की चाभी के पास ले जाएँ और
चाभी के
अनलॉक बटन को दबाये साथ ही आप
अपने मोबाइल फोन को कार के
दरवाजे
के पास रखें , दरवाजा खुल जायेगा !
है न विचित्र किन्तु सत्य